कब है जन्माष्टमी क्या है पूजा का शुभ समय: जानें प्रसिद्ध आचार्य शिव प्रसाद ममगांईं

15 अगस्त 2025 को है जन्माष्टमी वैसे भी देखा जाय मुम्बई से बदरीनाथ तक जमुना के इस वार जिसदिन 12 रात जन्माष्टमी जाय उसी दिन मनाने का विधान और यमुना के पार दुसरे दिन 7 बजे सुबह ही क्यों न हो तो दुसरे दिन मनाने का विधान है वहां नन्दोत्सव और यहां जन्मोत्सव मनाने का विधान है तो 15 तारीक12 बजे रात को अष्टमी है उसी दिन मनानी चाहिए इस वर्ष 15 तारीख रात्री 11बजकर 51 से शुरू होरही है स्मार्त जनों के लिए ।

electronics

,,कार्या विद्धापि सप्तम्यां रोहणी सहिताष्टमी ।

तत्रोपवाशं कुर्वीत तिथ्यान्ते पारणम ।।,, स्मार्त जिसमें अधिकतर गृहस्थ ही आते हैं जन्माष्टमी अर्धरात्रि व्यापिनि अष्टमी के दिन ही ब्रत किया जाय 15 तारीक को अष्टमी अरधरात्रीव्यापिनी है गृहस्थ स्मार्त लोगों को ब्रत पूजन चन्द्रमा को अर्घ्य देना झूला झूलाना आदि के लिए यही दिन 15 अगस्त प्रशस्त है वैष्णव किसी वैष्णव गुरू से कण्ठी ली हो मंत्र लिया हो उनके श्रीखण्ड चन्दन लगाई हो विशिष्ट सम्प्रदाय लोग वैष्णव कहलाते है वैसे भी भगवान के आने से पहले उपवास करना श्रेष्ठतम है 16 तारीफ नन्दोत्सव मनाओ सभी लोगों को एक मत के साथ 15 को ब्रत करना चाहिए और 16 को नन्दोत्सव करें परन्तु ब्रत 15 को इस वर्ष रोहणी 17 को है और बुद्धवार 13 को है इसलिए ब्रत के लिए शंका नहीं करनी चाहिए 16 को रात्री 9 बजकर 34 पर अष्टमी समाप्त हो रही है 12 बजे तक नहीं जा रही तो 12 बजे जन्मोत्सव कैसे मनाएं इसलिए 15 को 12 बजे के समय में जन्मोत्सव मनाना सर्वोत्तम है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *