लोगों को हंसाने के चक्कर में बूरे फंसे पन्नू गुसाईं, ब्रहामण समाज नाराज पन्नू गुसाईं ने मांगी माफी: देखें दोनों वीडियो
देहरादून: उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध अभिनेता पन्नू गुसाईं वैसे हमेशा अभिनय के लिए चर्चाओं में बने रहते हैं लेकिन आजकल पंडत समाज पर दिल्ली में कार्यक्रम के दौरान एक कटाक्ष किया था जिससे ब्रहामण समाज नाराज हो गया, और पन्नू गुसाईं के खिलाफ पूरा ब्रहामण ब्रहामण समाज क्या कहा था भले यह वीडियो एडिट करके प्रसारित किया गया क्या कहा पन्नू गुसाईं ने खुद ही वीडियो देखें ।
जब देहरादून उत्तराखंड विद्वत सभा को इस वीडियो की भनक लगी और तब विद्वत सभा के अध्यक्ष विजेंद्र ममगाईं ने कड़ी नाराजगी जताई महासचिव आचार्य दिनेश भटट् प्रवक्ता आचार्य मुकेश पंत ने वटसप विडियो के माध्यम से कलाकार पन्नू गुसाईं से बात की उन्होंने इस पर माफीनामा विडियो जारी किया है, जिसके बाद भी सोशल मीडिया पर पन्नू गुसाईं के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं इस वीडियो को लेकर वरिष्ठ पत्रकार लोक गायक डॉ अजय ढौंडियाल ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी जो इस प्रकार से है।
जय हो. चकडेति (हास्य) हमारे पहाड़ में सदा खितखिताहट का माध्यम रहा है. हां, इसकी सीमाएं निर्धारित हैँ. अति उत्साह में गाली खाने को मिलती है. हास्य कलाकार पुन्नू गुसाईं के उस मूल वीडियो को तो खोज खोज कर भी नहीं देख पाया मैं, लेकिन अगर उनकी तरफ से क्षमायाचना की जा रही है तो ये नेक है. बस, उनकी ही क्षमायाचना से पता चला कि कुछ चकडेति ब्राह्मण समाज के लिए की थी जो एडिटेड प्रसारित हुयी, लेकिन सवाल तो है कि edit कर किसने प्रसारित की? हमारे गढ़वाल में तो ब्राह्मण समाज के खिलाफ सोच समझ कर गीत लिखे और गाये गए. ब्राह्मणों को खोळ खोळ का भिखारी लिखकर गा और फिलम्मा दिया गया. यहां गंभीर बात ये है कि एक हास्य कलाकार की चकडैत को सिर्फ ‘चकडैत‘ के रूप में लेना चाहिए. वो अपनी ’अनजाने’ में हुयी भूल के लिए सार्वजनिक क्षमायाचना कर रहा है तो उसको क्षमा किया जाना चाहिए. जिस घाघ और ब्राह्मणों के प्रति वैमनस्य रखने वाले चपल ने विशेष रणनीति के तहत ब्राह्मणों के खिलाफ कई गीत गाये उसके खिलाफ आवाज बुलंद हो.