यह लोक परलोक सुधारने वाला ग्रन्थ है श्रीमद्भागवत आचार्य ममगाईं

यह लोक परलोक सुधारने वाला ग्रन्थ है श्रीमद्भागवत आचार्य ममगाईं

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समस्त वेद पुराण लेखन के बाद श्रीमद्भागवत बुद्धि के देवता गणेश जी ने लिखा सत्यवती सुनो व्यास जी ने साम्य प्रयास आश्रम मणि भद्र पुर विशाला पूरी में लिखा गया जिसका ज्ञान चार ईश्लोक में चार पुरस्वार्थ सिद्ध के लिए देवर्षी नारद जी ने दिया जिसके दर्शन मात्र से यह लोक परलोक सुधर जाता है उक्त विचार ज्योतिष पीठ व्यास पद से अलंकृत आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं जी ने ओल्ड सर्वे रॉड समता सत्संग भवन के समीप राणा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत सपताह के प्रथम दिवस में व्यक्त करते हुए कहा कि जिसमे सुखदेव जी मुख्य वक्ता परीक्षित श्रोता के रूप में अठारह हजार ईश्लोक का श्रवण कराया जिसके प्रतिपाद्य देवता मुरलीधर माधव हैं जिसकी ध्वनि मधुर हो श्रवण मधुर हो मनन श्रेष्ठ हो उसी को भागवत कथा रसिक बनकर स्वयम व दूसरे का सुधार कर सकता है यह ग्रन्थ सामाजिक बुराईयों को समाप्त कर एक अच्छे मनुष्य बनने का ज्ञान देता है अच्छे विचार अच्छे भाव वाला व्यक्ति ही मानवता की श्रेणी में अग्रसर होता है

आज विशेष रूप से राधा कृष्ण मंदिर दिलाराम बाजार से ओल्ड सर्वे रोड होते हुए कथा स्थल तक अपनी देव डोली के साथ पीत वस्त्रो में सैकड़ो की संख्या में महिलाओं द्वारा कतारबद्ध होकर कथा स्थल पर वेद मंत्रों के द्वारा लड्डू गोपाल का स्न्नान के साथ कथा वाचन करते हुए अनेक प्रसंगों पर सात दिन तक यह कथा 21 से 27 अप्रैल नित्य प्रति ढाई बजे से साढ़े छै बजे तक चलेगी

आज विशेष रूप से धनपति राणा महेंद्र राणा विमल राणा मानसी राणा विक्की राणा अवतार सिंह राणा सूरत सिंह राणा आनन्द राणा राजेन्द्र राणा जावित्री राणा स्वरूप सिंह नेगी भगवान सिंह नेगी चन्द्र शैल जी हयात सिंह गबर सिंह रावत सुरेंद्र सिंह राणा सुमन रावत सुनीता रावत भगवान सिंह कमल सिंह वीरेंद्र रावत शैलेन्द्र रावत आदि भक्त गण शिव सिंह नेगी कमला राणा सीता राणा आदि भक्त गण उपस्थित रहे।।

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