रुद्राभिषेक से रोग-दोष का अंत होता है , आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं

रुद्राभिषेक से रोग-दोष का अंत होता है :-

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फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है ।
महा शिवरात्रि के अवसर पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है । इस पावन अवसर पर रुद्राभिषेक करने से सभी रोगों का शमन होता है । सदियों से यह मान्यता और परंपरा चली आ रही है।
भगवान शिव की अति प्रिय रात्रि को शिवरात्रि कहा जाता है ।

शिव पुराण में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट होते हैं-

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दश्याम्
आदिदेवो महानिशि।
शिवलिंगतयोच्छ्रुतः
कोटिसूर्यसमप्रभः।।

ज्योतिष के अनुसार इस दिन चंद्रमा सूर्य के समीप स्थित होता है । अतः इसी समय जीवन रूपी चंद्रमा का शिव रूपी सूर्य के साथ योग मिलन होता है ।
अतः चतुर्दशी को शिव पूजा करने से जीव को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है । महाशिवरात्रि का पर्व परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है ।उनके निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महा शिवरात्रि कहलाती है।
भगवान शिव हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर आदि विचारों से मुक्त करके परम सुख, शांति एवं ऐश्वर्य प्रदान करते हैं।

 

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