कैंतुरा वंश की कुलदेवी झालीमाली का उत्तरकाशी श्रीकोट चिन्यालीसौड़ में बना आंठवा मंदिर, जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के जागीरों और मंत्रोच्चार के साथ मंदिर की हुई प्राण-प्रतिष्ठा

कैंतुरा वंश की कुलदेवी झालीमाली का उत्तरकाशी श्रीकोट चिन्यालीसौड़ में बना आंठवा मंदिर, जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के जागीरों और मंत्रोच्चार के साथ मंदिर की हुई प्राण-प्रतिष्ठा

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उत्तरकाशी: उत्तराखंड देवभूमि है यहां कण कण में देवी देवताओं का वास है जगह-जगह मठ मंदिर विराजमान है उत्तराखंड में 84 कोठी देवी देवताओं का वास है और हर देवी देवता की अपनी अलग शक्ति की अलग कहानी है आज हम आपको रूबरू करवा रहे हैं कैंतुरा वंश की रक्षक कुलदेवी मां झालीमाली देवी का इतिहास और झालीमाली देवी के मंदिर कहां कहां विराजमान है
इतिहासविदों का मानना है कि उत्तराखण्ड के प्राचीन शासक सूर्यवंशी कत्यूरी कैंतुरा, काली कुमाऊं के महर एवं रौत राजाओं की कुलदेवी झालीमाली देवी ही थी, जिसे बाद में नंदा कहा जाने लगा। कोट भ्रमरी एवं बाराही देवी झालीमाली के ही विशिष्ट रूप है उत्तराखंड में झालीमाली देवी के आजतक सात प्रमुख मंदिर थे जिसमें प्रथम- चम्पावत के पास फुंगर गांव की चोटी.
द्वितीय- जोशीमठ में नरसिंह मंदिर परिसर. (वर्तमान में मूर्ति विद्यमान नहीं है)
तृतीय- बैजनाथ की रणचूला की चोटी में कोट भ्रामरी मंदिर.
चतुर्थ- पौड़ी के समीप कंडारा गांव.
पंचम- गौचर (चमोली) के निकट झालीमठ गांव.
षष्ट- खुगशा गांव, असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल.
सप्तम- नैल गांव, असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल में स्थित है लेकिन अब कैंतुरा कुलवंश की देवी झालीमाली का आंठवा मंदिर जनपद उत्तरकाशी के श्रीकोट चिन्यालीसौड़ में कैंतुरा लोगों द्वारा बनाया गया जिसका नवरात्रों के पावन पर्व 5 अप्रैल को जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण के जागरों और भजनों से और मंत्रोच्चार के बाद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण,सीमा पंगरियाल, शिवानी नेगी के भजनों पर क्षेत्र के लोग जमकर थिरके वहीं भरतवाण के जागीरों पर प्रचंड देवी देवता अवतरित हुए हैं , समिति के अध्यक्ष और क्षेत्र के निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैंतुरा ने बताया कि यह दिव्य कार्यक्रम गांव के लोगों के साथ साथ क्षेत्र के पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से ये ऐतिहासिक कार्यक्रम संपन्न हुआ है प्रदीप कैंतुरा ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य वर्षों से प्रगति पर था लेकिन अब जाकर पूरा हुआ है, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ उत्तराखंड में झालीमाली देवी का आठवां मंदिर उत्तरकाशी श्रीकोट चिन्यालीसौड़ में बन गया है।

 

 

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