तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल का आगाज, कई राज्यों के विशेषज्ञ हुए शामिल,वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किया उद्घाटन

तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल का आगाज, कई राज्यों के विशेषज्ञ हुए शामिल,वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किया उद्घाटन

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Mussoorie Bird Festival: मसूरी वन विभाग के तहत विनोग हिल वन्य जीव विहार में तीन दिवसीय आठवां उत्तराखंड बर्ड फेस्टिवल का वन मंत्री सुबोध उनियाल और धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने उद्घाटन किया। केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। देश के विभिन्न प्रांतों से बर्ड विशेषज्ञों के साथ ही विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल की।

तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में देश भर से लगभग 250 पक्षी प्रेमी और पक्षी विशेषज्ञ शामिल हुए। बर्ड फेस्टिवल को पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मसूरी वन प्रभाग पहुंचे वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मसूरी वन प्रभाग कार्यालय प्रागण में जिंको बाइलोबा के पौधे को आरोपित किया। इस वृक्ष की आयु सैकड़ो वर्ष होती है और यह पर्यावरण को संरक्षित करता है।

मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पहली बार पहाडी क्षेत्र में बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। पूरे देश में लगभग 1300 प्रजाति के पक्षी हैं। इनमें से 729 उत्तराखंड में पाए जाते हैं। वर्तमान में पूरे विश्व में बर्ड वाचर की संख्या बढ रही है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में हर पांचवा व्यक्ति व इंग्लैंड में हर तीसरा व्यक्ति बर्ड वाचर है। इससे पूरे विश्व में करोड़ों रुपये की आय हो रही है। इससे जहां नौजवानों के लिए रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, वहीं पर्यटन के क्षेत्र में भी मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि बर्ड के मानव विकास में योगदान को समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक फिन्श पक्षी है, जो पूरे विश्व में केवल सौ के आस पास बची है। वह लुप्त प्राय हो रही है। इनका संवर्धन किया जाना चाहिए। इससे नये बर्ड वाचर डेस्टिनेशन बनाए जाने चाहिए, जिससे बर्ड लवर आएंगे व स्थानीय युवकों को रोजगार मिलेगा।

उत्तराखंड में 15 से अधिक डेस्टिनेशन चिह्नित किए गए हैं। इस मौके पर कई पोस्टर आयोजित किए गए। उन्होंने जिको बाइलोबा के बारे में बताया कि यह मेडिशनल प्लांट है, जिसकी कई दवाएं बनती हैं। मसूरी में एक पेड़ कंपनी बाग में है। यह ऐतिहासिक पेड़ है। इसे देखने भी लोग आएंगे। मसूरी में संपत्तियों का सीमांकन लगभग पूरा किया जा चुका है, कुछ बाकी है। एनओसी में वन विभाग जांच कराएगा। अगर मानकों का उल्लंघन होगा तो कार्रवाई की जाएगी।

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