नंदानगर ब्लॉक के मोख तल्ला के जनप्रतिनिधियों और ग्रामिणों ने डीएम को दिया मोटर मार्ग के संबंध में ज्ञापन,15 दिन का दिया अल्टीमेटम



रैबार पहाड़ का:बीते बुधवार को ग्राम सभा मोख तल्ला के अंतर्गत चाँचड़ी चकलाखेत मल्ला बारों के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को जूनियर हाईस्कूल मोख बारों से मल्ला बारों तक मोटर मार्क के संबंध में ज्ञापन देकर ग्रामीणों ने प्रतिनिधि मंडल के साथ अपनी समस्या से अवगत करवाया जिसमें साफ तौर पर ग्रामीणों के द्वारा जिला अधिकारी महोदय को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है ,ग्रामीणों का कहना है कि यदि 15 दिन के भीतर जिलाधिकारी महोदय के द्वारा उक्त मोटर मार्ग के संबंध में उचित करवाई नहीं की जाती है तो ग्रामीण आगे उग्र आंदोलन के साथ त्रिस्तरी पंचायती चुनावों बहिष्कार के लिए भी बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की स्वयं होगी ।

जन प्रतिनिधि ग्राम प्रधान सुमेर सिंह नेगी जी, क्षेत्रपंचायत ओमप्रकाश जी ,सरपंच पंकज कुमार जी ने कहा कि ग्राम सभा के 70% आबादी को ज्यादा समय तक इस तरह से बिना सड़क के वंचित नहीं रखा जा सकता है यदि इस पर जिलाधिकारी महोदय के द्वारा कोई करवाई नहीं की जाती है तो मैं भी ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हूं आगे की जिम्मेदारी स्वयं प्रशासन की होगी ,साथ ही पूर्व प्रधान केवल सिंह नेगी एवं पूर्व प्रधान हुकमी राम , पूर्व प्रधान स्मृति देवी जी का भी कहना है कि यदि शासन प्रशासन नहीं चेता तो ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों का पूर्ण बहिष्कार किया जायेगा क्योंकि जब 70% आबादी को उनके मूल भूत अधिकारों से वंचित किया जाएगा तो फिर इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहभागिता करने का कोई मतलब नहीं , सामाजिक कार्यकर्ता चरण सिंह नेगी जी का कहना है कि आजादी के 75 वर्ष एवं राज्य निर्माण के 25 वर्ष तक 70% आबादी को जीवन के मूलभूत अधिकारों से वंचित रखना सीधा सीधा आम जन के अधिकारों पर डाका डालने जैसा है जब तक मूल भूत अधिकार नहीं मिल जाते तब तक संघर्ष जारी रहेगा , सामाजिक कार्यकर्ता अंकेश भंडारी का कहना है कि लोकतंत्र में आप जनता के जीवन के मूल भूत अधिकारों को दबा नहीं सकते यदि इस तरह से वंचित रखा जाएगा तो आम जन को सड़कों पर आने से कोई नहीं रोक सकता है जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन को लेनी पड़ेगी ।

सामाजिक कार्यकर्ता पवन सिलकोटी जी का कहना है कि ग्राम सभा के 70 प्रतिशत आबादी को उनके जीवन के मूलभूत सुविधाओं एवं अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता है जिस तरह से सरकारी तंत्र कछुआ चाल से कार्य के रहा है वह सरकारी तंत्र की विफलता बयां करती है जिस तरह से जनता के प्रति जवाब देय अधिकारी कर्मचारी जनता को ठेंगा दिखाने का काम करते रहेंगे है तो यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण हैं यदि इसी तरह की प्रवृति से कार्य करते रहेंगे तो निश्चित ही सड़कों पर उतर कर आंदोलित होना ही पड़ेगा यदि जिला अधिकारी महोदय के द्वारा उचित करवाई नहीं की जाती है तो आगे की लंबी लड़ाई के लिए ग्रामीणों को नीति रीति के साथ आगे बढ़ कर लंबी लड़ी लड़ने के लिए तैयार रहना पड़ेगा चाहे आंदोलन हो या बहिष्कार क्योंकि अब लड़ाई सीधा आर पार की होगी।
सड़क संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुलप सिंह भंडारी जी का कहना है कि यह सिर्फ अभी एक चेतावनी भर है 15 दिन के अल्टीमेटम भीतर भी कोई करवाई नहीं होती है तो हम त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों का तो बहिष्कार करेंगे ही, साथ ही उग्र आंदोलन के लिए बाध्य भी होंगे जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं प्रशासन की होगी यह लड़ाई हमारे अधिकारों की है और लोकतंत्र में किसी को कोई अधिकार नहीं की हमे मूल भूत अधिकारों से वंचित किया जाए इसलिए हम इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेंगे , महेंद्र भंडारी ,प्रदीप भंडारी ,सुभाष कुमार ,मीनाक्षी देवी ,सुनीता देवी , रुकमा देवी,हेमा देवी , रमेशचंद्र तिवारी,हुकम सिंह भंडारी ,गोविंद सिंह भंडारी ,दिनेश लाला, पूजा देवी ,अभिषेक भंडारी आदि ग्रामीण मौजूद थे ।।




