7 सितम्बर 2025 को पितृपक्ष प्रारंभ पूर्णिमा श्राद्ध
इस दिन चन्द्र ग्रहण इसलिए पूर्णिमा श्राद्ध को चन्द्र ग्रहण सूतक से पहले संपन्न कर दें

ग्रहण सूतक समय उत्तराखंड में दोपहर 12/53 से प्रारम्भ होगाअन्य जगहों पर 12/ 57 से रात्री 1/27 मिनट तक सूतक रहेगा बाल बृद्ध और अस्वस्थ जनों को छोड़कर अन्य को भोजनादि निषेध है (ग्रहण काल रात्रि 9/57 से प्रारम्भ 1/27 तक समापन चंद्र ग्रहण समाप्ति तक
चंद्र ग्रहण सूतक से चन्द्र ग्रहण समाप्ति तक
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना अपने इष्ट देवता का मंत्र जाप , ध्यान,
ओर ग्रहण कुंभ राशि पर लगेगा प्रत्येक राशियों के लिए चन्द्र ग्रहण का फल
1 मेष राशि वालों को धन लाभ ब्यापार बृद्धि नवीन योजना पर कार्य यश प्राप्ति रूके कार्यों में सफलता स्वास्थ्य लाभ
2 वृष राशि कार्य क्षेत्र में चुनौतियां विरोध परिश्रम करनें पर भी उचित लाभ न होना राजपक्ष से प्रतिकूलता
3 मिथुन – भाग्य में बाधा उचित अवसरों की कमी धार्मिक कार्यों में अरूचि लापरवाही माता पिता को कष्ट ।
4 कर्क- शरीर कष्ट हानि परेशानी परिवारिक जीवन में क्लेश नवीन सम्पर्कों में बाधा ।
5सिंह- वैवाहिक जीवन में विरोध दैनिक रोजगार में कमी दौड भाग व्यर्थ की चिंन्ता शरीर कष्ट।
6-कन्या शत्रु हानि रोग शान्ति कार्यों में सफलता परिश्रम का लाभ सुखद समाचार मित्रगण वन्धुओं का सहयोग परिश्रम सफल ।7-तुला – शरीर कष्ट दुष्ट संगति मार्गदर्शन की कमी पढ़ाई मे मन नलगला रोग कष्ट। 8-बृश्छिक- शरीर कष्ट वाहन भय विवाद माता पिता को कष्ट कोर्ट कचेरी में परेशानी धोखा हानि ग्रहण कालपर हनुमान चालीसा पढ़ें ।। 9-धनु- प्रसंसा यश प्राप्ति कार्यों सफलता मित्र वन्धुओं का सहयोग पूर्व में रूके कार्य बनेंगे या पूर्व परिश्रम से लाभ।।10-मकर – परिवार विरोध आर्थिक चुनौतीयां आय के सही मार्ग न मिलना धन का फंसना व्यवसाय में उत्ता चढ़ाव।
11- कुम्भ- शरीर कष्ट विरोध अपयश लांछन का डर कानूनी मामलों में फँसना शरीर में परेशानी का होना
12- मीन खर्चों में अधिकता परिश्रम की हानि व्यर्थ की यात्रायें धन हानी दौड़ भाग समय की बरबादी। ।इसी दिन7 सितंबर कोपहला श्राद्ध पूर्णिमा का ग्रहण सूतक से पहले यानि 12 बजकर 53 मिनट से पूर्व तर्पण भोजन करना है सूतक के बाद देवमूर्ती छूना निषेध है -*7*सितंबर पौर्णिमा काश्राद्धा* *प्रतिपदा श्राद्ध*
9 सितंबर *द्वितीय श्राद्ध*
10 सितंबर *तृतीय श्राद्ध*
11 सितंबर *चतुर्थी श्राद्ध 12/46 तक*
11 सितंबर *पंचमी श्राद्ध 12/46 के बाद*
12 सितंबर *पंचमी श्राद्ध 9/59 से पहले*
12 सितंबर *षष्टी श्राद्ध 9/59 के बाद*
13 सितंबर *सप्तमी श्राद्ध 7.23 के बाद*
14 सितंबर *अष्टमी श्राद्ध*
15 सितंबर *नवमी श्राद्ध*
16 सितंबर *दशमी श्राद्ध*
17 सितंबर *एकादशी श्राद्ध*
18 सितंबर *द्वादशी श्राद्ध*
19 सितंबर *त्रियोदशी श्राद्ध*
20 सितंबर *चतुर्दशी श्राद्ध*
21 सितंबर *अमावस्या श्राद्ध*
*सम्पूर्ण पित्र विसर्जन* *सूर्य ग्रहण भी है भारत में अदृश्य है इसलिए उसदिन इस ग्रहण का सूतक नहीं है*
*आचार्य शिवप्रसाद ममगाई बदरीकाश्रम ज्योतिषपीठव्यास पदालंकृत एवं धर्म संकृति प्रदेशसंयोजक*।।
