हमारे दिलों में झांककर देखिए, हमारे दिलों में उत्तराखंड बसता है, हम जियेंगे तो उत्तराखंड के लिए और हम मरेंगे तो उत्तराखंड के लिए- कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल*

*हमारे दिलों में झांककर देखिए, हमारे दिलों में उत्तराखंड बसता है, हम जियेंगे तो उत्तराखंड के लिए और हम मरेंगे तो उत्तराखंड के लिए- कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल*

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*मेरे बयान को कुछ लोग तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं-कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल*

*राज्यआंदोलनकारी होने के बावजूद मुझे मुझे उत्तराखंडी होने का प्रमाण देना पड़ रहा है- कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल*

*देहरादून 21 फरवरी ।* उत्तराखंड पंचम विधानसभा वर्ष 2025 के चतुर्थ दिवस की कार्यवाही के दौरान पहाड़ी-मैदानी पर काफी हंगामा देखने को मिला। माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल जी को टारगेट करते हुए कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने पहाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। जिसपर माननीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने इसका जवाब भी दिया। साथ ही क्षेत्रवाद की राजनीति ना करने की मांग भी की। इस बीच सदन की कार्यवाही को विपक्षी नेताओं के द्वारा माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल के द्वारा उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। जिसके बाद माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में अपने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के योगदान को याद किया गया. साथ ही उन्होने कहा कि हम सभी उत्तराखंडवासी हैं और उत्तराखंड हमारा है। माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में उनकी उग्र भूमिका थी. कभी रेल जाम करना,बस जाम करना, बाजार बंद करना आंदोलन के दौरान किया गया। उन्होने बताया कि 2 अक्टूबर 1994 में उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी ने दिल्ली चलो का आहवान किया। और वह दिल्ली में थे. उन्होने बताया कि इस बीच मुजफ्फरनगर में राज्यआंदोलनकारियों पर हुए हमले की सूचना मिलते ही वह बिना अपनी जान की परवाह किए मुजफ्फरनगर के लिए ट्रक में बैठकर रवाना हुए। इसके बाद मसूरी गोलीकांड के दौरान भी वह डोईवाला से बाईक में बैठकर सबसे पहले मसूरी पहुंचे। उन्होने कहा कि एक राज्यआंदोलनकारी होने के बाद भी उन्हें उत्तराखंडी होने का प्रमाण देना पड़ रहा है। जिससे वह दुखी हैं। माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अंत में कहा कि हमारे दिलों में झांककर देखिए, हमारे दिलों में उत्तराखंड बसता है, हम जियेंगे तो उत्तराखंड के लिए और हम मरेंगे तो उत्तराखंड के लिए ।

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