उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया
उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। रुद्रप्रयाग के गौरीकुण्ड में पहाड़ी दरकने से मलबा-पत्थर आने पर पैदल मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत मार्ग के खुलने तक यात्रियों की आवाजाही पूर्ण रूप से बन्द कर दी गई है।

रुद्रप्रयाग जिले में बीती रात से हो रही मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी। देर रात्रि रुमसी गांव के ऊपर बादल फटने की घटना सामने आई जिससे बेडुबगड़ क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण आवासीय भवनों में मलबा घुस गया और आधा दर्जन से अधिक वाहन मलबे में दब गए।

तेज बारिश का असर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भी देखने को मिला है। गौरीकुंड के समीप देर रात पहाड़ी दरकने से बड़े-बड़े बोल्डर पैदल मार्ग पर आ गिरे जिससे केदारनाथ की ओर जाने वाला रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। पुलिस और प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है और किसी भी प्रकार की यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। कार्यदायी संस्था ने मलबा हटाने और रास्ता खोलने का काम शुरू कर दिया है लेकिन मार्ग खुलने में समय लग सकता है।

वहीं यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाली फूलचट्टी जानकीचट्टी सड़क फूलचट्टी के पास धंसने से आवाजाही बंद हो गई। दोनों तरफ दर्जनों वाहनों पर स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालु फंसे हैं।
चमोली जनपद में भी हालात गंभीर हैं। विष्णुप्रयाग क्षेत्र भूस्खलन की चपेट में आ गया है। यहां कुछ दुकानों और मुख्य सड़क को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। तेज बारिश और अलकनंदा नदी के बढ़ते बहाव से लगातार कटाव हो रहा है जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है साथ ही जोखिम वाले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। संभावित राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें तैनात कर दी गई हैं।