कब तक सीएम, स्वास्थ्य मंत्री घोषणा करते रहेंगे,कब तक लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में लोग पहाड़ पर मरते रहेंगे?

 

8 माह की गर्भवती की रेफर के दौरान मौत, घनसाली में स्वास्थ्य सेवाओं पर फिर उठे सवाल

electronics

घनसाली, टिहरी गढ़वाल

लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक और गर्भवती की मौत होने से भिलंगना ब्लॉक में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। चमियाला के श्रीकोट गांव निवासी 24 वर्षीय नीतू पंवार को मंगलवार सुबह सीएचसी बेलेश्वर से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। निजी वाहन से ढाई घंटे की यात्रा के दौरान फकोट के पास नीतू की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उचित और समय पर उपचार न मिलने के कारण उनकी बहू की जान बच सकती थी।

घटना की जानकारी के अनुसार, परिजन सुबह लगभग 9:04 बजे नीतू को सीएचसी बेलेश्वर लेकर आए। चिकित्सकों ने बताया कि गर्भवती की नियमित जाँच न होने के कारण शरीर में गंभीर सूजन (एडेमा) और ब्लड प्रेशर में वृद्धि थी। इन्हीं लक्षणों के कारण इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया। परिजनों ने कहा कि सीएचसी में दिए गए इंजेक्शन के बाद भी उन्हें कहा गया था कि रास्ते में किसी भी अस्पताल पर दिखा दें। परिजनों ने स्वयं के वाहन से नीतू को ले जाते हुए बताया कि रास्ते में वह बार-बार बोलती रही, “मां-मां मैं मरती हूँ।” फकोट पहुँचे तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 

परिवार ने बताया कि नीतू का पति बहरीन में नौकरी करता है और वह जून माह तक पति के साथ वहीं थीं; प्रसव के लिए हाल ही में गांव लौटी थीं। परिजन और ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इसी क्षेत्र से रेफर के बाद हायर सेंटर में या रास्ते में तीन प्रसूताओं की मौत के मामले सामने आ चुके हैं — सितंबर में अनीशा रावत, अक्टूबर में रवीना कठैत और अब नीतू पंवार। इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गहरी नाराजगी और डर पैदा कर दिया है।

 

सीएचसी बेलेश्वर के चिकित्सा प्रभारी डॉ. शिवप्रसाद भट्ट ने कहा कि नीतू की जांच नियमित रूप से नहीं हुई थी, जिसके कारण शरीर में सूजन और बीपी वृद्धि थी; इन्हीं कारणों से सुरक्षा को देखते हुए हायर सेंटर भेजा गया। सीएमओ डॉ. श्याम विजय ने भी कहा कि मरीज का बीपी व सूजन बढ़े हुए मिलने पर हायर सेंटर रेफर किया गया था, दुर्भाग्यवश मार्ग में ही मौत हो गई।

घटनाक्रम के बाद सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। एसीएमओ डॉ. जितेंद्र भंडारी, जिला चिकित्सालय बौराड़ी के इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एस. मोहन सती और गायनोलॉजिस्ट डॉ. पूर्वी भट्ट को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। टीम प्रसव-पूर्व इतिहास, किए गए परीक्षण, सीएचसी बेलेश्वर में दिए गए उपचार और रेफर की प्रक्रिया समेत सभी पहलुओं की गहनता से जांच करेगी।

स्थानीय लोग और परिजन झूठी शांति से संतुष्ट नहीं हैं — कई ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार रेफर और हायर सेंटर की दूरी ने समय पर उपचार के अवसर छीने हैं। कुछ ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कई ठोस कदम उठाने की मांग की है — जैसे सीएचसी में चिकित्सकीय स्टाफ और उपकरणों का सुदृढीकरण, आपातकालीन परिवहन व्यवस्था (एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता), तथा रेफर प्रक्रिया में तेजी व निगरानी। मृतका का पति बुधवार तक घनसाली पहुंचने वाले हैं; तब अंतिम संस्कार किया जाएगा। फिलहाल शव मोर्चरी में रखकर पोस्टमॉर्टम व आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

यह दुखद घटना उस व्यापक चिंता को दोहराती है जो ग्रामीण इलाकों में मातृ-और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोरियों के कारण समय-समय पर उठती रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि उपचार में कौन-कौन से चूक हुए और जिम्मेदारियों का निर्धारण कैसे किया जाएगा — वहीं परिजनों की अपेक्षा है कि सरकार और स्वास्थ्य प्रशासन त्वरित सुधारात्मक कदम उठाकर ऐसे और हादसों को रोके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *