विज्ञापन दरों में बढोत्तरी पर आईएपीएम ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सरकारी विज्ञापनों की दरों में बढोत्तरी किये जाने पर इंडियन एसोसियशन ऑफ प्रेस-एन-मीडियामेन (आईएपीएम) ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। देश भर के प्रकाशक व हितधारी संगठन पिछले कई वर्षों से सरकारी विज्ञापनों की दरों में बढोत्तरी किये जाने की मांग कर रहे थे। मंत्रालय ने 9वीं दर संरचना समिति की सिफारिशों के आधार पर विज्ञापनों दरों में 26 प्रतिशत तक बढोत्तरी किये जाने के आदेश जारी किये हैं।

भारतीय प्रेस परिषद द्वारा अधिसूचित संगठन ‘आईएपीएम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सहयोगी ने कहा कि विज्ञापन किसी भी समाचार पत्र की अर्थव्यवस्था की रीड हैं जिसमें सरकारी विज्ञापनों की भी बडी हिस्सेदारी होती है। अर्थव्यवस्था के कमजोर होने से समावार पत्र की निष्पक्षता भी प्रभावित होने की संभावना बनी रहती हैं। विज्ञापनों दरों में बढोत्तरी जहां लघु व भाषाई समाचार पत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी वहीं अन्य संचार माध्यमों से प्रतिस्पर्धा करने में भी सहायक होगी। इसके लिए उन्होने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं सरकार की दूरदर्शी नीति का आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) एक नोडल मीडिया एजेन्सी है जो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के विज्ञापन प्रिंट मीडिया सहित विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा प्रकाशित-प्रसारित कराती है। प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापनों की दरों में संशोधन के लिए 11 नवंबर, 2021 को 9 वीं दर संरचना समिति का गठन किया गया था। समिति ने इंडियन न्यूजपेपर्स सोसाइटी, ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्मॉल न्यूजपेपर्स एसोसियशन व स्मॉल-मीडियम-बिग न्यूजपेपर्स सोसाइटी आदि संगठनों एवं हितधारियों से विचार विमर्श कर अपनी संस्तुति की हैं।

विज्ञापनों दरों में बढोत्तरी किये जाने पर अधिकांश प्रकाशकों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। यद्यपि केन्द्र सरकार द्वारा प्रिंट मीडिया के विज्ञापन बजट को चरणबद्ध तरीके से कम किये जाने पर चिन्ता व्यक्त की है जिसकारण सीबीसी से सूचीबद्ध अनेक समाचार पत्रों को वर्ष में एक भी विज्ञापन नहीं मिल पाता। यहां तक कि प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 में लघु व मझोले समाचार पत्रों के लिए निर्धारित विज्ञापन अनुपात का पालन भी नहीं किया जाता। केन्द्र सरकार ने विज्ञापनों दरों में यह बढोत्तरी प्रिंट मीडिया के इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लागू की है जिसका निःसंदेह लाभ समाचार पत्रों के प्रकाशकों को मिलेगा। दर संरचना समिति की सिफारिशों में आरएनआई/एबीसी द्वारा प्रसार संख्या सत्यापित कराने व जीएसटी पंजीकृत प्रकाशनों को 25 प्रतिशन अतिरिक्त दर देने का प्रावधान भी किया गया है।