रैबार पहाड़ का:रक्षाबंधन 19अगस्त को भद्रा के उपरांत करना शुभ है ।भद्राया द्वै न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा ।क्योंकि राखी भद्रा में बांधने से भाई बहन के रिस्ते में खटास आ सकती है सनातम धर्म में रक्षाबंधन का बड़ा महत्व है यह पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है यह रक्षाबंधन भद्रा रहित होनां चाहिए इस वर्ष बहन राखी बांधती है रक्षाबचन भी बोलती है इसका चलन लक्ष्मी और बली का रक्षाबंधन करना तथा दुसरा द्वापर में द्रोपदी नें भगवान कृष्ण की उंगली कटने पर साड़ी फाड़कर बांधने पर स्वस्थ होना व दिर्घायु की कांमना की थी इस वर्ष 19 अगस्त 2024 सोमवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पवित्र कार्य होगा में परन्तु इस दिन 13 बजकर 29 मिनट अपराह्न 1 बजकर 29 मिनट तक भद्रा है वैसे भद्रा पाताल की है भद्रा पुच्छ में भी रक्षाबंधन होसकता था लेकिन जब पूर्ण समय मिल रहा तो दिन मे 1 बजकर 31 मिनट के बाद ही वृश्चिक लग्न में अपराह्न काल में रक्षाबंधन का शुभ कार्य करना प्रशस्त होगा वैसे अब ज्यादातर सोशल मिडिया के कारण थोड़ा-बहुत ज्यादातर चर्चा होती पहले भी भद्रा आती ही थी अपनें ब्राह्मण जो कहते वही होता था और होना भी चाहिए पंजाब हिमांचल जम्बू आदि प्रदेशों में तो प्राचीन समय से ही उदय व्यापिनी पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाने का प्रचलन है ।
पुच्छे जयावहाः मुखे कार्य विनाशय कोई दूर बहार हो अति आवश्यक पर पूच्छकाल में किये गये कृत्य सिद्धि व विजय देनें वाले होते हैं यह पूर्वकाल है उसदिन 9/51 से 10 बजकर 53 मिनट तक प्रातः पहले दिन रात यानी 18 अगस्त यानि सुबह 3 बजकर 1 मिनट से पौर्णमासी शुरू होजायेगी और 19 तारीख को रात 11 बजकर 52 मिनट तक रहेगी अतः 19 तारीख को ही श्रवण नक्षत्र द्वि मूहुर्त से अधिक होनें से उपाकर्म इसी दिन होगें विद्वत सभा उत्तराखंड के पंचांग वाणी भूषण पंचांग व दिवाकर पंचांग महिधर पंचांग के व विद्वानों के अनुसार 19 तारीख को मनाना शुभ और उत्तम है ज्योतिष्पीठ आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ।।